The best Side of anxiety relief upay

यह बहुत ही डरावना होता है, जो आपको बुरी तरह से डरा देता है.

डरावना सपना देखना कोई बीमारी नहीं है, लेकिन जब यह बार-बार हो, दिनभर काम करने की क्षमता कम करे, दिमाग में उसकी यादें बनी रहें या व्यक्ति सोने से ही डरने लगे, तब इसे नाइटमेयर डिसऑर्डर माना जाता है. ऐसे लोगों में अक्सर थकान, चिड़चिड़ापन, ध्यान की कमी, याददाश्त में कमी और बुरे सपनों का लगातार डर देखने को मिलता है. बच्चों में यह समस्या होने पर माता-पिता की नींद भी प्रभावित होती है.

ये सपने आते तो हैं लेकिन क्या आपने सोचा है कि इन बुरे सपनों का मतलब क्या होता है.

बुरे सपनों का हमारी नींद और हेल्थ पर असर

अगर आपकी नींद का कोई तय समय नहीं है, या आप देर रात भारी खाना खाते हैं तो इसका असर भी सपनों पर पड़ता है। पेट भारी होने से शरीर को आराम नहीं मिल पाता और नींद की गुणवत्ता घट जाती है। इसके अलावा, ज्यादा चाय, कॉफी या मीठे पदार्थों का सेवन भी मस्तिष्क को उत्तेजित कर देता है जिससे बुरे सपनों की आशंका बढ़ जाती है।

आपके दिमाग में वही सब घूमता रहता है इसलिए आपको भूतिया सपने आते हैं.

तनाव को कम करें: मानसिक शांति के लिए ध्यान, योग, या गहरी सांस लेने की प्रक्रिया अपनाएं। इससे न केवल आपकी नींद में सुधार होगा, बल्कि बुरे सपनों का खतरा भी कम होगा।

प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक सिगमंड फ्रायड का सपने क्यों आते हैं इसे लेकर ऐसा मानना था कि सपने हमारे अवचेतन मन की एक खिड़की की तरह होते हैं और ये हमे उस व्यक्ति के बारे में बताते हैं, जैसे:

यह खौफ का ऐसा मंजर होता है, जिसमें click here आप अपनी जान बचाने के लिए इधर उधर छिपते हैं.

अगर आप सोने से ठीक पहले तक खाते रहते हैं तो बुरे सपने आने की आशंका बढ़ जाती है

वृंदावन में प्रेमानंद जी महाराज से मिलने पहुंचे अनुष्का शर्मा और विराट, हाथ जोड़कर सामने रखी अपने मन की बात

सपनो का आपकी नींद पर नकारात्मक असर पड़ता है, यही नहीं यह आपके मानसिक तनाव को भी बढ़ा सकता है। चित्र : अडॉबीस्टॉक

क्या होते हैं बुरे सपने और कैसे करते हैं व्यक्ति को परेशान-

मानसिक तनाव और डिप्रेशन – बुरे सपनों की बड़ी वजह

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *